दिल्ली में बस एक हफ्ते और साफ हवा, फिर...

नई दिल्ली साफ हवा और प्रदूषण रहित वातावरण में सांस ले रहे दिल्लीवालों के लिए 'पुराने दिन' फिर से लौटनेवाले हैं। मौसम विभाग की मानें तो राजधानी में इस सुहाने मौसम का दौर जल्द खत्म होनेवाला है। मौसम से जुड़ी जानकारी देनेवाली संस्था बताती है कि ऐसा पराली जलने और वातावरण में बदलाव से होगा। अक्टूबर के दूसरे हफ्ते से दिल्लावासी यह बदलाव महसूस करेंगे। वायु गुणवत्ता, मौसम पूर्वानुमान अनुसंधान प्रणाली (सफर) का कहना है कि पराली जलना इसकी मुख्य वजहों में शामिल है। वहीं मौसम विभाग (आईएमडी) का कहना है कि उत्तर की ओर चलने वाली हवाएं भी दिल्ली के मौसम पर 4 अक्टूबर के बाद असर डालने लगेंगी। हालांकि, तीन तारीख तक मौसम सुहाना बना रहेगा। मंगलवार की बात करें तो न्यूनतम तापमान मौसम के औसत से एक डिग्री अधिक 23.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आर्द्रता का स्तर सुबह साढ़े आठ बजे तक 84 प्रतिशत दर्ज किया गया। मौसम वैज्ञानिकों ने हल्की बारिश और गरज के साथ छीटें पड़ने के साथ आसमान में आंशिक रूप से बादल छाए रहने का अनुमान जताया है। अधिकतम तापमान मंगलवार को 32 डिग्री सेल्सियस बने रहने की संभावना है जबकि बुधवार को न्यूनतम तापमान करीब 24 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। सोमवार को दिल्ली का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 68 था। यह 22 सितंबर से लगातार 100 से नीचे बना हुआ है। वहीं पिछले साल इस वक्त AQI 219 था। 2017 में भी इसने 200 के 'पूअर' बेंचमार्क को छुआ था। 'सफर' के डायरेक्टर गुफरान बेग बताते हैं कि उत्तर भारत में पराली का जलना शुरू हो चुका है, लेकिन फिलहाल पूर्व की तरफ से चल रही तेज हवाओं की वजह से उसका असर नहीं पड़ रहा। बेग के मुताबिक, ये हवाएं 7 अक्टूबर के बाद अपना रुख बदल लेंगी। बेग मानते हैं कि उसके बाद हवा की गुणवत्ता खराब हो सकती है। मौसम विभाग का भी कुछ ऐसा ही मानना है। आईएमडी के एक वैज्ञानिक कुलदीप श्रीवास्तव कहते हैं कि अगर 4 अक्टूबर के बाद बड़ी मात्रा में पराली जलाई गई तो दिल्ली की हवा खराब हो सकती है। लेकिन अगर इसके छिटपुट उदाहरण देखने को मिले तो उतना असर नहीं होगा।


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