'73% पैरंट्स नए सेशन में बच्चों को स्कूल भेजने के लिए नहीं तैयार'

विशेष संवाददाता, नई दिल्ली देश में की दूसरी लहर को देखते हुए पैरंट्स डरे हुए हैं और अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं हैं। 73% पैरंट्स का मानना है कि अप्रैल से जुलाई के बीच स्कूल तब तक ना खोले जाएं, जब तक उनके जिले में ऐक्टिव केस 100 से कम ना हो जाएं। यह बात लोकल सर्कल्स के सर्वे में सामने आई है। मामलों में तेजी को देखते हुए यह सर्वे किया गया था। सर्वे के मुताबिक, देशभर में अप्रैल से नया अकैडमिक सेशन शुरू हो रहा है और 75% पैरंट्स बच्चों को स्कूल भेजने के लिए उलझन में हैं। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, अगर केंद्र सरकार और राज्य सरकार अप्रैल में स्कूल खोलने का फैसला लेते हैं तो इस पर 58% पैरंट्स का कहना है कि वे बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे। 25% पैरंट्स ही बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार हैं। वहीं, 10% पैरंट्स का कहना है कि उनके बच्चे अप्रैल में समर ब्रेक पर होंगे। 7% पैरंट्स इसे लेकर उलझन में हैं। लोकल सर्कल्स का कहना है कि पिछले 45 दिनों में कई राज्यों और जिलों में फिर से कोविड 19 की चेतावनी के साथ कई मामले आ रहे हैं। इस सर्वे में 272 जिलों में रहने वाले 18 हजार से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। इनमें 68% आदमी और 32% महिलाएं हैं। 44% टियर 1 और 28% टियर 2 और बाकी 28% टियर 3, 4 और ग्रामीण जिलों के लोग हैं। स्कूल खोले जाने पर...
  • 73% पैरंट्स - जब तक हमारे जिले में ऐक्टिव केस 100 से कम ना हों।
  • 29% पैरंट्स - जब तक 100 से ज्यादा ऐक्टिव केस हों, तब तक स्कूल बंद रहें।
  • 21% पैरंट्स - जब जिले में एक भी ऐक्टिव केस हो, स्कूल नहीं खुलना चाहिए।
  • 18% पैरंट्स - जब भी किसी जिले में 200 से ज्यादा ऐक्टिव केस हों, स्कूल बंद करने चाहिए।
  • 7% पैरंट्स - 500 से ऊपर ऐक्टिव केस हों तो स्कूल बंद होने चाहिए।
  • 5% पैरंट्स - 100 से ऊपर कोराना वायरस केसों के मामले में स्कूल बंद हों।


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