कैंसर मरीजों के लिए खुशखबरी, देश के एकलौते इंस्टिट्यूट टाटा में हो सकेगी प्रोटोन बीम थेरपी

मुंबईविश्व कैंसर दिवस पर टाटा मेमोरियल अस्पताल के एक्ट्रेक खारघर से खुश खबर आई है। कैंसर मरीजों के लिए वरदान प्रोटोन बीम थेरपी जल्द ही खारघर में शुरू होने वाली है। मई में इस थेरपी की शुरुआत होने वाली थी, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर की वजह से उक्त डेटलाइन चूक गई। अब इस साल के अंत या नए वर्ष की शुरुआत में प्रोटोन थेरपी से कैंसर मरीजों का इलाज हो सकेगा। खारघर में थेरपी की मशीन को स्थापित कर लिया गया और अब इसे डमी पर प्रयोग करने की अनुमति भी मिल गई है। इसमें सफलता मिलते ही इस वर्ष के अंत तक कैंसर मरीजों पर इसके उपयोग की अनुमति मिल जाएगी। इसके चलते वर्ष 2022 में प्रोटोन थेरपी की मदद से कई लोग कैंसर मुक्त हो जाएंगे। देश का एकलौता अस्पताल, जहां यह तकनीक बता दें कि टाटा अस्पताल के खारघर केंद्र में शनिवार को एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस दौरान क्लिनिकल ट्रायल के लिए प्रॉजेक्ट का एक हिस्से को शुरू करने की अनुमति दी गई है। टाटा मेमोरियल अस्पताल के उपनिदेशक डॉ़ सिद्धार्थ लस्कर ने बताया कि देश मे टाटा अस्पताल ही एक मात्र सार्वजनिक अस्पताल है, जिसके पास यह तकनीक है। डीएई की अनुमति के बाद शुरू हो जाएगा इलाज डमी पर प्रोटोन बीम थेरपी का प्रयोग करने पर यह पता चलेगा कि यह कितनी इफेक्टिव तरीके से काम कर रहा है और इससे डीएई को अवगत कराया जाएगा। डीएई से अनुमति मिलते ही मरीजों का उपचार इस अत्याधुनिक मशीन की मदद से शुरू किया जाएगा। कोरोना काल में भी डटे रहे आईबीए इंडिया के निदेशक राकेश पाठक ने बताया कि लगभग 6 महीने से भी कम समय में 1100 टन उपकरण स्थापित किए गए थे। कोविड अवधि के दौरान सभी बाधाओं के बावजूद आईबीए और टाटा की टीम ने अतिरिक्त प्रयास किया और सभी मशीनों को सफलतापूर्वक स्थापित किया। पाठक ने बताया कि मशीन बेल्जियम से लाई गई थी और इसे 65,000 वर्ग फुट की स्टैंडअलोन बिल्डिंग मे स्थापित किया गया। बच्चों को दी जाएगी प्राथमिकता आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों का निशुल्क उपचार किया जाएगा। इतना ही नहीं, इस इलाज में बच्चों को प्राथमिकता दी जाएगी। प्रोटोन बीम थेरपी से हर वर्ष 800 कैंसर मरीजों का इलाज किया जाएगा। विदेशों में इलाज का खर्च 1 करोड़ रुपये तक पहुंच जाता है, लेकिन टाटा अस्पताल में आधे मरीजों का उपचार निशुल्क किया जाएगा। शेष बचे मरीजों का इलाज भी रियायती दर पर किया जाएगा। ऐसी है प्रोटोन बीम थेरपी? वर्तमान में कैंसर रोगियों को रेडिएशन थेरपी दी जाती है, लेकिन इस प्रक्रिया में मरीज के कैंसर सेल के साथ-साथ अच्छे सेल भी नष्ट हो जाते है। जबकि, प्रोटोन थेरपी केवल कैंसर के सेल को खोज उनपर प्रहार कर नष्ट करता है। यानि यह पद्धति कैंसर रोगियों का बेहद सटीक उपचार करती है।


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