न मेले, न झूले, बिना फूड स्टॉल के होंगी रामलीलाएं, देखें DDMA की त्योहारों के लिए पूरी गाइडलाइंस

नई दिल्ली: फेस्टिवल सीजन के लिए दिल्ली आपदा प्रबंधन अथॉरिटी (डीडीएमए) ने गुरुवार को गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। रामलीला, दशहरा और दुर्गा पूजा मनाने के लिए नियमों में ढील दी गई है। अभी तक दिल्ली में सभी तरह की सोशल, कल्चरल, धार्मिक और त्योहारों से जुड़े कार्यक्रमों पर पूरी तरह से रोक थी, लेकिन आने वाले त्योहारों को मनाने के लिए 15 नवंबर तक नियमों में ढील दी गई है। 15 नवंबर तक रामलीला, दुर्गा पूजा, दशहरा, दिवाली समेत कई पर्व मनाए जाएंगे। इन त्योहारों पर होने वाले आयोजनों के लिए शर्तें तय की गई हैं। आयोजकों की भी जिम्मेदारी तय की गई है। जिला प्रशासन और पुलिस की भी यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी होगी कि आयोजन स्थल पर कोविड नियमों का उल्लंघन न हो। हालांकि कोरोना संकट को देखते हुए पिछले साल की तरह इस बार भी सार्वजनिक जगहों पर छठ पूजा नहीं हो सकेगी। दिल्ली में पटाखों पर पहले से ही बैन लगा हुआ है। मेले और झूले नहीं दिखेंगे डीडीएमए की ओर से जारी किए गए आदेश में दिल्ली में रामलीला मंचन और दुर्गा पूजा की इजाजत दी गई है। किसी भी जगह पर मेले और झूले लगाने पर बैन है। खाने-पीने का कोई स्टॉल नहीं लगाया जा सकता। आयोजन स्थल के अंदर और बाहर कहीं पर भी कोई स्टॉल नजर नहीं आएगा। इसके अलावा फेस्टिवल सीजन के दौरान किसी भी तरह के जुलूस या रैली निकालने पर भी रोक लगाई गई है। डीएम और डीसीपी देंगे मंजूरी डीडीएमए ने आदेश दिया है कि फेस्टिवल इवेंट्स के आयोजन के लिए डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट और डीसीपी मंजूरी देंगे। जॉइंट परमिशन दी जाएगी। कंटेनमेंट जोन में किसी भी तरह के इवेंट की मंजूरी नहीं दी जा सकेगी। इलाके के इग्जेक्यूटिव मैजिस्ट्रेट, एसएचओ, एमसीडी के लाइसेंसिंग इंस्पेक्टर की जॉइंट रिपोर्ट के आधार पर यह मंजूरी दी जाएगी। जॉइंट रिपोर्ट में यह बताना होगा कि आयोजन स्थल सभी नियमों के मुताबिक है या नहीं? विडियोग्राफी का नियम भी लागू डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट को निर्देश दिए गए हैं कि हर आयोजन स्थल (रामलीला, पूजा पंडाल) के लिए सीनियर लेवल के एक अधिकारी को नोडल ऑफिसर नियुक्त किया जाए। इसी तरह से डीसीपी को भी एक अधिकारी की नियुक्ति हर साइट के लिए करनी होगी। इन नोडल ऑफिसर्स की यह जिम्मेदारी होगी कि आयोजन स्थल पर कोविड नियमों का पूरी तरह से पालन हो। इसके अलावा आयोजकों को रोजाना आधार पर विडियोग्राफी करवानी होगी। उसकी सॉफटकॉपी पेन ड्राइव फॉर्म में सब्मिट करनी होगी। साथ ही यह सर्टिफाई करना होगा कि इवेंट के दौरान एसओपी का पूरी तरह से पालन किया गया है। कुर्सियों पर ही बैठना होगा डीडीएमए ने निर्देश दिया है कि आयोजन स्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। स्टैंडिंग यानी खड़े होकर या जमीन पर बैठक लीला नहीं देख सकेंगे। कुर्सियों पर ही बैठना होगा। आयोजन स्थल पर कितने लोगों के आने की इजाजत होगी, इसका फैसला स्थल की क्षमता के आधार पर लिया जाएगा। क्लोज स्पेस है तो हाल की कैपिसिटी के हिसाब से 50 प्रतिशत सीटों के लिए ही लोगों को बुलाया जा सकता है। लेकिन हॉल में 200 से ज्यादा लोग नहीं होंगे। अगर ओपन स्पेस है तो डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट और डीसीपी मिलकर फैसला लेंगे कि उस जगह पर कितने लोग आ सकते हैं। एंट्री और एग्जिट गेट अलग हों सख्त निर्देश दिए गए हैं कि हर साइट पर एंट्री और एग्जिट गेट अलग-अलग होने चाहिए। ज्यादा गेट रखने की सलाह दी गई है। जो कोई भी आयोजन स्थल मे आए, उसके लिए मास्क लगाना बहुत जरूरी है। बिना मास्क के एंट्री नहीं दी जाएगी। थर्मल स्कैनिंग होगी। टेंपरेरी टॉयलेट बनाने होंगे। हर साइट पर पानी, सैनिटाइजर की व्यवस्था करनी होगी। आयोजन स्थल पर पर्याप्त संख्या में वॉलंटियर्स की नियुक्ति होनी चाहिए, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग के नियम को सख्ती से लागू करवाया जा सके। ढिलाई नहीं बरती जा सकती केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की ओर से दिल्ली सरकार को लेटर लिखकर कहा गया है कि अब अक्टूबर से फेस्टिव सीजन शुरू हो रहा है और 31 दिसंबर तक कई त्योहार आने हैं। अभी कोविड की दूसरी लहर पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है और अभी ढिलाई नहीं बरती जा सकती। त्योहारों के दौरान भारी भीड़भाड़ को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए। सावधानी के साथ त्योहारों को मनाया जाए और कोविड नियमों का पूरी तरह से ध्यान रखा जाए। जहां ज्यादा केस, वहां कुछ नहीं डीडीएमए ने केंद्र के पत्र का हवाला देते हुए कहा है कि कंटेनमेंट जोन में किसी भी तरह के आयोजन की इजाजत नहीं होगी। इसके अलावा जिन इलाकों में संक्रमण दर 5 फीसदी से ज्यादा है, वहां पर भी कोई आयोजन नहीं हो सकता। ज्यादा भीड़भाड़ न हो, इसके लिए जरूरी इंतजाम किए जाएं। सार्वजनिक जगहों पर छठ पूजा नहींपिछले साल की तरह इस बार भी सार्वजनिक जगहों पर छठ पूजा का आयोजन नहीं किया जा सकता। डीडीएमए ने अपने आदेश में कहा है कि पब्लिक प्लेस, पब्लिक ग्राउंड, नदी किनारे घाटों, मंदिरों पर छठ पूजा समारोहों का आयोजन नहीं किया जाएगा। लोगों से अपने घरों पर ही छठ पूजा मनाने की अपील की गई है। यानी पिछले साल की तरह इस बार छठ पूजा पर सरकारी आयोजन नहीं हो सकेंगे। डीडीएमए ने तय किया है कि पब्लिक प्लेस पर किसी तरह के कार्यक्रम की इजाजत नहीं होगी। डीडीएमए ने सभी पहलुओं पर विचार किया है। कोरोना काल से पहले दिल्ली में छठ पूजा के मौके पर सरकार हर साल बड़े स्तर पर खास इंतजाम करती रही है लेकिन कोरोना के कारण हालात काफी बदल गए है।
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