दिल्ली मेट्रो की वह टनल तैयार जो ब्लू लाइन और मजेंटा लाइन को दूसरी बार जोड़ेगी

विशेष संवाददाता, नई दिल्ली के फेज-4 के काम को तय वक्त पर पूरा करने की कोशिश में जुटी ने एक और कदम बढ़ाया है। जनकपुरी वेस्ट से रामकृष्ण आश्रम मार्ग के बीच बनाए जा रहे मेट्रो के नए कॉरिडोर पर पहली टनल की खुदाई का काम शुक्रवार को पूरा कर लिया गया। इस सुरंग के जरिए नोएडा के बॉटनिकल गार्डन से जनकपुरी वेस्ट के बीच बनी मेट्रो की मजेंटा लाइन को आगे रामकृष्ण आश्रम मार्ग तक बढ़ाया जाएगा। डीएमआरसी के मुताबिक, इस सेक्शन पर टनल का काम इसी साल अप्रैल में शुरू किया गया था। 9 महीने के अंदर टनल बनाने का काम पूरा कर लिया। 73 मीटर लंबी विशालकाय टनल बोरिंग मशीन के जरिए इस सुरंग को बनाया गया है। इस सेक्शन पर अप और डाउन, दोनों दिशाओं में दो समानांतर सर्कुलर सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है। अन्य सुरंगों का काम भी जल्द शुरू किया जाएगा। सुरंग का निर्माण 14 से 16 मीटर की गहराई पर किया गया है। सुरंग का अलाइनमेंट आउटर रिंग रोड के साथ-साथ कई बहुमंजिला इमारतों के नीचे से होकर गुजरता है। शुक्रवार को जब टीबीएम का ब्रेक थ्रू हुआ, यानी जब टनल के दूसरे छोर पर दीवार को तोड़ते हुए टीबीएम बाहर निकली, उस वक्त डीएमआरसी के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. मंगू सिंह समेत कई अन्य सीनियर अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे और इस खास पहल के गवाह बने। अधिकारियों ने बताया कि इस सेक्शन पर अप और डाउन, दोनों दिशाओं में दो समानांतर सर्कुलर सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है, जो जनकपुरी वेस्ट से केशोपुर के बीच 2.2 किमी लंबे अंडरग्राउंड सेक्शन का हिस्सा होंगी। अन्य समानांतर सुरंगों का निर्माण कार्य भी जल्द ही शुरू किया जाएगा। अभी जो पहली सुरंग बनकर तैयार हुई है, उसी के जरिए पहले से नोएडा के बॉटनिकल गार्डन से जनकपुरी वेस्ट के बीच बनी मेट्रो की मजेंटा लाइन को आगे रामकृष्ण आश्रम मार्ग तक एक्सटेंड किया जाएगा। सुरंग का निर्माण 14 से 16 मीटर की गहराई पर किया गया है। इस टनल में 1000 से भी अधिक कंक्रीट के रिंग्स लगाए गए हैं। इसका भीतरी व्यास 5.8 मीटर है। सुरंग का अलाइनमेंट आउटर रिंग रोड के साथ-साथ कई बहुमंजिला इमारतों के नीचे से होकर गुजरता है। इस सुरंग का निर्माण अर्थ प्रेशर बैलेंसिंग मेथड जैसी प्रामाणिक तकनीक के जरिए किया गया है, जिसमें पहले से बनाकर तैयार किए गए कंक्रीट के रिंग्स को खुदाई के साथ-साथ ही टनल के अंदर जोड़कर उसे शेप दे दिया जाता है। टनल रिंग्स को मुंडका स्थित मेट्रो की पूरी तरह मैकेनाइज्ड कास्टिंग यार्ड में तैयार किया गया है। कंक्रीट के इन सेगमेंट्स को स्टीम क्यूरिंग सिस्टम से तैयार किया गया है, ताकि ये कम समय में ही जल्दी से अच्छी मजबूती हासिल कर लें। इमारतों की सुरक्षा का रखा गया ध्यान बहुमंजिला इमारतों और अन्य भवनों के नीचे से टनल बनाते वक्त सुरक्षा के सभी जरूरी उपाय किए गए। आस-पास की इमारतों में उपकरण लगाकर लगातार ग्राउंड मूवमेंट पर नजर रखी गई, ताकि वाइब्रेशन की वजह से कहीं पर कोई खतरे की आशंका हो, तो तुरंत पता लगाया जा सके। मेट्रो के फेज-4 के तहत अभी जो तीन कॉरिडोर्स को मंजूरी मिली है, उसके तहत करीब 27 किमी भूमिगत हिस्सों का निर्माण किया जाएगा। इनमें से 7.74 किमी लंबा अंडरग्राउंड सेक्शन जनकपुरी वेस्ट-रामकृष्ण आश्रम मार्ग लाइन पर बनेगा।


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