विशेष संवाददाता, नई दिल्ली किडनी की बीमारी युवाओं को तेजी से अपना शिकार बना रही है और न केवल वे बीमारी से ग्रस्त हो रहे हैं, बल्कि किडनी फेल होने की वजह से उन्हें ट्रांसप्लांट भी कराना पड़ रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि पिछले पांच सालों में जितने किडनी ट्रांसप्लांट किए जा रहे हैं, उनमें से 40 पर्सेंट युवा मरीज हैं। उनका कहना है कि 30 साल से कम उम्र के युवाओं में किडनी की बीमारी तेजी से बढ़ रही है। अपोलो अस्पताल के किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डॉक्टर संदीप गुलेरिया का कहना है कि शुरू में जब किडनी की बीमारी होती है तो इसके लक्षणों को पहचानना मुश्किल होता है। यही कारण है कि अक्सर इन बीमारियों का इलाज समय पर नहीं हो पाता। साथ ही, बीमारी के लक्षण बहुत साफ नहीं होते। ये लक्षण ब्लड प्रेशर या डायबीटीज के कारण भी हो सकते हैं, ऐसे में किडनी रोगों के लक्षण साफ न होने के कारण अक्सर मरीज को समय पर इलाज नहीं मिल पाता। किडनी फेलियर के बढ़ते केस डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि आज युवाओं में रेनल फेलियर यानी किडनी फेल के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसा पॉलीसिस्टिक किडनी सिंड्रोम के कारण होता है, जो एक आनुवांशिक...
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