चुनावी बॉन्ड: गुमनाम रह पारदर्शिता कैसे संभव?

चुनावी बॉन्ड के खरीदारों की पहचान गुप्त रखने के पीछे सरकार का तर्क है कि कैशलेस चंदे से काले धन पर लगाम लगेगी। हालांकि, चुनाव सुधार से जुडे़ लोगों का कहना है कि दानकर्ताओं के नाम गुप्त रखने के साथ चुनाव सुधार की प्रक्रिया एक साथ नहीं चल सकती है। सुप्रीम कोर्ट में आज इस मामले को लेकर सुनवाई भी है।

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