महज एक घंटे की बारिश में लखनऊ हुआ बेहाल

लखनऊ राजधानी में रविवार को महज एक घंटा हुई प्री मॉनसून बरसात ने नगर निगम के दावों को धोकर रख दिया। .02 मिली मीटर बारिश से ही शहर के कई इलाकों में घुटनों तक पानी भर गया। यह हाल तब है जब नगर निगम ने शहर के सभी बड़े नालों की सौ फीसदी और छोटे नालों की 90 फीसदी सफाई का दावा किया है। इसके लिए पांच करोड़ रुपये का बजट भी जारी किया गया था। मॉनसून के सक्रिय होने के बाद शहर में रोजाना इससे कहीं ज्यादा बारिश होगी तब क्या होगा...? नालों की सफाई केवल कागजों में रविवार को गीतापल्ली, ओमनगर, पकरी, फौजी कॉलोनी, इंदिरा नगर, इस्माईलगंज, विजयीपुर, विभूतिखंड, सुरेन्द्र नगर, टिकैत राय एलडीए कॉलोनी, चौपटिया, आलमबाग, जानकीपुरम, इंजिनियरिंग कॉलेज, फैजुल्लागंज में होने से लोग परेशान रहे। कई इलाकों में दोपहर तक पानी भरा रहा। इससे नाराज लोगों का गुस्सा पार्षदों पर फूटा। गीतापल्ली के पार्षद अरविंद यादव ने बताया कि उनके वॉर्ड में दस से ज्यादा कॉलोनियों में पानी भर गया था। लोग सुबह 6 बजे से फोन करने लगे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि कागजों में तो सभी नाले साफ कर दिए गए, लेकिन मौके पर काम नहीं हुआ। इस संबंध में मेयर और नगर आयुक्त से शिकायत करने के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई। ढह गया नाला गौतमपल्ली में बन रहा नाला भी बारिश में ढह गया। इससे गुस्साए लोगों ने नगर निगम के खिलाफ प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि नाले के निर्माण में घटिया सामान का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस बारे में कई बार शिकायत भी की गई थी, लेकिन अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं की। मेयर बोलीं, जिम्‍मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी इस मामले में नगर आयुक्‍त, इंद्रमणि त्रिपाठी का कहना था, 'बारिश से कुछ जगहों पर 30 से 45 मिनट के लिए जलभराव हुआ था। सोमवार को बैठक बुलाई गई है। जिन इलाकों में दिक्कत हुई वहां फिर से सफाई करवाई जाएगी।' मेयर, संयुक्‍ता भाटिया ने जिम्‍मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात करते हुए कहा, 'जिन इलाकों में जलभराव हुआ है वहां नाला सफाई की जांच होगी। पार्षदों की रिपोर्ट मिलने के बाद जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।'


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