...तो यूपी में 74 साल में पूरी होगी कोरोना जांच!

जीशान राइनी, लखनऊ यूपी में कोरोना के सैंपलों की जांच की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है। इसके बावजूद हर शख्स की जांच के लिहाज से यह रफ्तार बेहद कम है। मौजूदा समय में प्रदेश में एक दिन में 8 से 10 हजार जांच हो रही है। पिछले एक हफ्ते में 56,860 सैंपल जांचे गए। यानी औसतन 8122 जांचें प्रति दिन हुईं। इस रफ्तार से प्रदेश की 22 करोड़ की आबादी में हर शख्स की जांच में 74 साल लग जाएंगे, जबकि कई देशों में यह रफ्तार बेहद तेज है। यूपी की जनसंख्या 22 करोड़ चीन के वुहान में दोबारा मरीज मिलने पर बीस दिन पहले पूरे शहर में जांच का अभियान चलाया गया। वुहान की जनसंख्या 1.1 करोड़ है। चीन ने महज 15 दिन में यहां 65 लाख लोगों की जांच कर डाली। इसके उलट उत्तर प्रदेश की जनसंख्या करीब 22 करोड़ है। यहां मौजूदा हालात के मुताबिक एक साल में महज 29.64 लाख लोगों की जांच हो सकेगी। इस तरह पूरी आबादी की जांच में तो 74 साल लग जाएंगे। जांच से संभव नहीं वर्तमान में प्रदेश में कोरोना की पीसीआर जांच हो रही है। यानी में जाता है और 12 घंटे बाद रिपोर्ट आती है। प्रदेश में 22 लैब हैं। अधिकांश लैब में एक दिन में 300 सैंपल तक की जांच होती है। केजीएमयू और पीजीआई समेत कुछ लैब में एक हजार तक सैंपल जांचे जा सकते हैं। इसके उलट चीन और दूसरे कई देशों में एंटी बॉडी किट से जांच हो रही है। इस एक किट से महज 30 मिनट में जांच हो जाती है। उत्तर प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशक डॉक्टर रुकुम केश ने बताया, 'वर्तमान में जितनी भी लैब में जांच संभव है, वहां जांच हो रही है। सरकार प्रयासरत है। अगर कोई किट अप्रूव होती है तो जांच में जरूर तेजी आ सकेगी।' कभी कम, कभी ज्यादा
तारीख सैंपल
23 मई 3707
24 मई 11754
25 मई 6001
26 मई 4966
27 मई 7319
28 मई 8360
29 मई 14653
1 हफ्ते में कुल 56860
औसत 8122/दिन


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