18 की मौत, 1,500 क्वारंटीन, इस बार डॉक्टर्स-डे नहीं

मुंबई महाराष्ट्र में आम नागरिकों के साथ पुलिस और डॉक्टर भी कोरोना की चपेट में हैं। कोरोना संक्रमण से महाराष्ट्र में अब तक 18 प्राइवेट डॉक्टरों की मौत हो चुकी है, जबकि 1500 डॉक्टर क्वारंटीन हो चुके हैं। करीब 700 डॉक्टर कोरोना से प्रभावित होने के बाद अस्पतालों में इलाज करा चुके हैं। उनमें से ज्यादातर रिकवर होकर ड्यूटी पर लौट चुके हैं। महाराष्ट्र इंडियन मेडिकल असोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अविनाश भोंडवे ने बताया, ‘मेडिकल समुदाय पर भी कोरोना का बहुत असर देखने को मिला है। बहुत से हेल्थ वर्कर्स इसकी चपेट में आए हैं, इसलिए इस बार हम एक जुलाई को सेलिब्रेट नहीं करेंगे। हमने मरीजों के इलाज में लगे डॉक्टरों का हौसला बढ़ाने के लिए इसे आत्मसम्मान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है।’ ‘सम्मान पत्र और मेडल दिए जाएं’ डॉ. अविनाश ने कहा, ‘कोरोना काल में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं, जहां डॉक्टरों को सोसायटी में रहने से लेकर ड्यूटी करने तक के लिए संघर्ष करना पड़ा। हमारा अनुरोध है कि कोरोना के दौरान काम कर रहे डॉक्टरों और हेल्थ वर्कर्स को सम्मान पत्र मिले। हम सरकार से भी मांग करेंगे कि कोरोना ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले डॉक्टरों के परिवारों को 15 अगस्त को मेडल देकर सम्मानित किया जाए।’ ‘डॉक्टरों का जीवन देश के लिए अहम’ महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष डॉ. शिवकुमार उतूरे ने कहा, ‘डॉक्टरों की मौत बहुत दुखद है। इस महामारी में एक डॉक्टर की मौत से बहुत सारे मरीज प्रभावित हो रहे हैं। इसीलिए डॉक्टरों का जीवन उनके परिवार के साथ ही देश के लिए भी अहम है।’


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