फेक करंसी का ऐसा खेल, यूपी STF भी चौंकी

लखनऊ यूपी की राजधानी लखनऊ में एसटीएफ ने की तस्करी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह के तीन सदस्यों को सोमवार को बेगम हजरत महल पार्क के पास से गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से 2 लाख 90 हजार रुपये की फेक करंसी मिली है। एसटीएफ के मुताबिक पकड़े गए आरोपी फेक करंसी को देश के कई हिस्सों में सप्लाई करते थे। आरोपियों ने बताया कि बांग्लादेश के रास्ते फेक करंसी भारत आती है। आईजी एसटीएफ अमिताभ यश के मुताबिक कई दिनों से सूचना मिल रही थी कि जाली नोटों की सप्लाई लखनऊ और आस-पास के जिलों में की जा रही थी। सोमवार को मुखबिर से सूचना मिली कि बेगम हजरत महल पार्क के पास जाली नोटों की तस्करी करने वाला माल्दा निवासी सदस्य मौजूद थे। एसटीएफ टीम ने देखा कि संदिग्ध काफी देर से किसी का इंतजार कर रहा है। कुछ ही देर में दो अन्य लोग संदिग्ध के पास पहुंचे। एसटीएफ ने तीनों संदिग्धों को पकड़ लिया। आरोपियों के पास से 2 लाख 90 हजार रुपये की फेक करंसी मिली। पूछताछ में आरोपियों ने अपना नाम पश्चिम बंगाल स्थित माल्दा निवासी रजिकुल शेख, मुरादाबाद स्थित छजलैट निवासी नसीर अली और गलसहीद निवासी जफीर आलम बताया। आरोपी रजिकुल माल्दा से फेक करंसी लखनऊ और उसके आस-पास लाता था। इसके बाद अपने गिरोह के अन्य सदस्यों को सप्लाई के लिए देता था। बांग्लादेश से आते हैं नोट के बंडल माल्दा निवासी रजिकुल शेख ने बताया कि उसका गांव बांग्लादेश सीमा से सटा हुआ है। तस्कर बांग्लादेश और भारत की सीमा पर फेंसिंग से जाली नोटों के बंडल फेंकते हैं। रजिकुल और उसके गिरोह के सदस्य इन नोटों को यूपी, बिहार, दिल्ली सहित अन्य राज्यों में सप्लाई करते हैं। रजिकुल पकड़े गए दो अन्य आरोपियों नसीर और जफीर को देने के लिए आया था। 60 प्रतिशत के रेट पर देता था एसटीएफ के मुताबिक आरोपितों के पास से बरामद जाली नोट बहुत ही फाइन हैं। इन्हें आसानी से पहचाना नहीं जा सकता है। रजिकुल शेख ने बताया कि वह 60 प्रतिशत के रेट पर नोटों की सप्लाई करता था। 2000 के 11 नोट (22000), 500 के 536 नोट(268000), तीन मोबाइल, 2350 रुपये, दो एटीएम कार्ड, तीन आईडी कार्ड और रोडवेज बस का एक टिकट मिला है। ATS करेगी जांच एसटीएफ ने इस मामले की रिपोर्ट एटीएस गोमतीनगर में दर्ज कराई है। अब एटीएस भी जांच करेगी। सूत्रों का कहना है कि मामला काफी गंभीर है। आशंका है कि जाली नोटों की यह खेप पाकिस्तान से बांग्लादेश भेजी जाती है। इसके बाद बांग्लादेश से भारत से सटे गांव में नोटों के बंडल फेंके जाते हैं। जाली नोट देश की अर्थव्यवस्था को खोखला करते हैं। इस पर पूरी तरह से लगाम लगाने की जरूरत है। इस मामले में हम सबको सजग होना होगा। हमारी थोड़ी सी लापरवाही से ऐसे नोट बाजार का हिस्सा बन जाते हैं। हमें आरबीआई द्वारा नोटों पर बनाए गए सुरक्षा चिह्नों को पहचानना चाहिए। खासकर बड़े नोट लेते वक्त अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।


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