बिहार के 5 करोड़ लोगों के लिए खुशखबरी!

पटना राजधानी पटना को उत्तर बिहार से जोड़ने वाले महात्मा गांधी सेतु का पश्चिमी लेन 31 जुलाई से चालू हो जाएगा। बिहार के पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने बताया कि पटना में गंगा नदी पर महात्मा गांधी सेतु के पश्चिमी लेन पर 31 जुलाई को दोपहर बाद से वाहनों का परिचालन शुरू हो जाएगा। बताया जाता है कि इस पुल से करीब बिहार की कुल साढ़े नौ में से करीब 5 करोड़ की आबादी सीधे-सीधे जुड़ी हुई है। इसलिए इसे उत्तर और दक्षिण बिहार की लाइफ लाइन कहा जाता है। केंद्रीय रोड एंव परिवहन मंत्री नितिन गडकरी नई दिल्ली से और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम में शामिल होंगे। नंदकिशोर यादव ने बताया कि उत्तर और दक्षिण बिहार की लाइफ लाइन माने जाने वाले गांधी सेतु के पुरुद्धार का कार्य अब से तीन साल पहले जुलाई 2017 में शुरू हुआ था। पश्चिमी दो लेन का जीर्णोद्धार का काम पूरा हो चुका है और बरसात के बाद पूर्वी दो लेन के जीर्णोद्धार का कार्य प्रारंभ किया जाएगा। चारो लेन के पुररुद्धार में 1742.01 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। पश्चिमी दो लेन पर आवागमन खोले जाने के मौके पर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी उपस्थित रहेंगे। गांधी सेतु की नई सिरे से मरम्मत करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के बीच साल 2014 में सहमति बनी। पश्चिमी लेन पहले तोड़ा गया और फिर सेतु के कंक्रीट का सुपरस्ट्रक्चर हटाकर स्टील का लगाया गया। कुल 45 स्पैन बनाए गए हैं। एक स्पैन में 33 हजार मीट्रिक टन स्टील लगा है। पुल तोड़ने की शुरुआत हाजीपुर छोर से हुई थी। इसलिए इसकी मरम्मत भी इसी दिशा से हुई। उम्मीद जताई जा रही है कि पश्चिमी लेन की तुलना में पूर्वी लेन आसानी से तोड़कर बना लिया जाएगा। संभावना है कि साल 2022 में पूर्वी लेन भी चालू हो जाए। मालूम हो कि 1969 में महात्मा गांधी सेतु की नींव रखी गई। 1972 से सेतु बनाने का काम शुरू हुआ। 1982 में इंदिरा गांधी ने एक लेन का उद्घाटन किया। 1987 में गांधी सेतु का दूसरा लेन शुरू हुआ था। 1991 से ही मरम्मत की आवश्यकता महसूस हुई। 1998 में सेतु पर पहली बार दरार दिखी थी।


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