नदी पार कर पढ़ने जाते थे प्रणब दा, 13 नंबर से रहा खास कनेक्शन

नई दिल्ली/कोलकातापश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के मिराठी गांव से देश के पहले नागरिक बनने तक का का सफर आसान नहीं था। कभी स्कूल जाने के लिए भी उन्हें कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता और नदी पार करनी पड़ती थी। आलम ये था कि बैग में कॉपी-किताब के साथ प्रणब मुखर्जी एक कपड़ा भी रखते जो उनके भीग जाने के बाद काम आता था। प्रफेसर और पत्रकार भी थे प्रणब दाअपने लंबे सियासी सफर में तमाम मंत्रालय और पदों पर रह चुके प्रणब दा एक कॉलेज में शिक्षक भी रहे। बताते हैं कि कुछ दिनों तक उन्होंने पत्रकार के रूप में भी काम किया। लेकिन उनका राजनीति में सफर 1969 में शुरू हुआ और वह 35 साल की उम्र में कांग्रेस की ओर से राज्यसभा भेजे गए। 13 नंबर से खास कनेक्शनबताते हैं कि प्रणब दा का 13 नंबर से कुछ खास ही रिश्ता रहा। वह भारत के 13वें राष्ट्रपति रहे, दिल्ली में उनके पास 13 नंबर का बंगला भी था। यही नहीं उनकी शादी की सालगिरह भी 13 तारीख ही थी। उनकी शादी 13 जुलाई, 1957 को हुई। डायरी लिखने के शौकीनप्रणब दा 40 साल की उम्र से ही डायरी लिख रहे थे। बताते हैं कि उन्होंने कहा था कि उनकी डायरी उनके मरणोपरांत ही प्रकाशित की जाए। अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान वह सिर्फ दुर्गा पूजा देखने के लिए छुट्टी पर गए थे। बाकी किसी भी दिन उन्होंने छुट्टी नहीं ली।


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