जब अकाउंट नंबर से चोर पहुंचा जेल, बिल्डर के ऑफिस से किए थे कई दर्जन चेक चोरी
मुंबई अपराध के बाद हर अपराधी मानकर चलता है कि उस तक कानून के हाथ कभी पहुंचेंगे नहीं। लेकिन उसके सलाखों के पीछे पहुंचने की कोई न कोई खास वजह अपने आप बन जाती है। ने स्वप्निल मयकर नामक एक चोर को एक चेक पर अंकित अकाउंट नंबर से गिरफ्तार किया। उसके पास से एक बिल्डर के ऑफिस से चोरी के कई दर्जन चेक मिले। इस तरह गिरफ्त में आया चोर किसी खास टिप पर सीनियर इंस्पेक्टर संजय निकुंबे, अनंदा देशमुख , हृदय मिश्रा, सुनील हरद और प्रशांत थिम्टे की टीम ने स्वप्निल मयकर को घेरा। जब उसके कपड़ों की तलाशी ली, तो उसमें एक चेक मिला। आरोपी यह बताने को ही तैयार नहीं था कि उसे चेक कैसे मिला। चेक ऐक्सिस बैंक का था। क्राइम ब्रांच ने बैंक की मदद से चेक पर लिखे अकाउंट नंबर से चेक धारक का मोबाइल नंबर निकाला। फिर उनसे संपर्क किया। इसे भी पढ़ें:- बिल्डर के यहां चोरी में कई चेक हुए थे चोरी चेक धारक ने बताया कि उन्होंने चंद दिनों पहले ही एक बिल्डर को एक फ्लैट के संबंध में एक चेक दिया था। बिल्डर ने चेक देने वाले से कहा था कि इस पर सिर्फ अपने दस्तखत कर दो। अमाउंट और किस अकाउंट में यह चेक डालना है, वह बाद में तय कर लेगा। संयोग से कुछ दिनों बाद बिल्डर के यहां चोरी हो गई और वहां से इसी तरह के कई और चेक भी चोरी हो गए। क्राइम ब्रांच ने यह सभी चेक बरामद कर लिए। गिरफ्तार शख्स सिर्फ ऑफिस में ही करता था चोरी स्वप्निल मयकर ने जांच टीम को बताया कि वह किसी भी बिजनेसमैन को ऐसे चेक गिरवी देकर उनसे 20 से 25 हजार रुपये ले लेता था और बाद में फरार हो जाता था। आरोपी ने यह भी बताया कि वह कभी भी किसी घर में नहीं, सिर्फ ऑफिस में ही चोरी करता था। गिरफ्तारी के बाद वह अपनी जमानत या मुकदमे के लिए वकील नहीं करता। फौरन जुर्म कबूल कर लेता और फिर सजा पूरी होने के बाद नया जुर्म करता। वह अतीत में करीब एक दर्जन बार जेल जा चुका है।
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