दिल्ली में अभी मुख्य रूप से युवा ही कोरोना के शिकार, सतर्क नहीं हुए तो बुजुर्ग भी आएंगे चपेट में: गुलेरिया

नई दिल्लीदिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डायरेक्टर की मानें तो देश की राजधानी में कोरोना की नई लहर मुख्य रूप से युवाओं को चपेट में ले रही है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर अब भी सतर्क नहीं हुए तो खतरा बुजुर्गों तक पहुंच सकता है और तब दिल्ली की हालत ज्यादा खराब हो जाएगी। अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस ने गुलेरिया के हवाले से खबर दी है कि अभी दिल्ली के कोरोना पीड़ित ज्यादातर युवाओं में कोविड-19 महामारी के सामान्य लक्षण दिखाई पड़ रहे हैं, लेकिन इसका दायरा बढ़ा तो गंभीर लक्षणों के साथ बुजुर्गों को संक्रमण हो सकता है। अखबार के मुताबिक, एम्स डायरेक्टर ने फिर से लॉकडाउन लगाने की बजाय छोटे-छोटे कंटेनमेंट जोन बनाने को कोरोना के खिलाफ ज्यादा कारगर रणनीति बताई है। ...तब चिंताजनक हो सकते हैं हालात: गुलेरिया उन्होंने कहा, "अब तक आने वाले ज्यादातर मरीजों में मामूली लक्षण ही दिख रहे हैं लेकिन यह भी सच है कि हम युवाओं में संक्रमण के मामले बढ़ता देख रहे हैं। यह ज्यादा उम्र के लोगों में भी फैल सकता है, जैसा कि महाराष्ट्र में देखा गया है। वहां पहले मामूल लक्षण के साथ ही कोविड-19 महामारी ने जोर पकड़ना शुरू किया और फिर गंभीर लक्षणों वाले मामले भी तेजी से बढ़ते चले गए। हालत यह हो गई कि वहां अस्पतालों की व्यवस्था कम पड़ गई। इसलिए हमें चौकस रहना होगा।" उन्होंने कहा, "दिल्ली में तो अभी ऐसी स्थिति नहीं है। यहां भर्ती होने वाले मरीजों की तादाद तो बढ़ रही है, लेकिन यहां बेड की कमी नहीं है। अगर इसी तरह मामले बढ़ते रहे तब ज्यादा से ज्यादा मरीजों को भर्ती करना पड़ेगा, तब स्थिति चिंताजनक हो सकती है।" मुख्यमंत्री का आश्वासन ध्यान रहे कि दिल्ली में हर दिन औसतन 1,500 से ज्यादा नए कोरोना केस सामने आ रहे हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार शाम को ट्वीट कर कहा कि उनकी सरकार अस्पतालों की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने लिखा, "दिल्ली में कोविड के बिगड़ते हालात के मद्देनजर कुछ अस्पतालों में आरक्षित आईसीयू बेडों की संख्या बढ़ाई जा रही है। इससे उपलब्ध बेडों की स्थिति सुधरेगी।" उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार सभी जरूरी कदम उठा रही है, इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है। हालांकि, मुख्यमंत्री ने लोगों से सावधानियां बरतने की भी हिदायत दी। आम लोगों पर दारोमदारउधर, एम्स डायरेक्टर ने भी कहा है कि आम लोग चाह लें तो कोरोना की नई लहर पर अब भी काबू पाया जा सकता है। उन्होंने कहा, "कोरोना की एक और लहर आ गई है, लेकिन यह हमारे हाथ में है कि यह कितना बड़ा होगा या कितनी जल्दी यह खत्म हो जाएगा। कुछ दिनों में संक्रमण के मामले और बढ़ेंगे क्योंकि पड़ोसी राज्यों में बहुत ज्यादा केस आ रहे हैं।" उन्होंने कहा कि टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट में तेजी लाकर और छोटे-छोटे कंटेनमेंट जोन बनाकर संक्रमण की दर को रोका जा सकता है, लेकिन यह तुरंत नहीं होने वाला है। लॉकडाउन की आशंका खारिज जहां तक बात फिर से लॉकडाउन लगाने की है तो गुलेरिया ने कहा, "पूरे प्रदेश में लॉकडाउन लगाना तो मुश्किल है। मुझे लगता है कि जिन इलाकों में अचानक केस बढ़ गए हैं, उनकी पहचान करके छोटे-छोटे कंटेनमेंट जोन बना दिए जाएं जो स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन की तरह ही होगा। ऐसे इलाकों में हर व्यक्ति की जांच करके पॉजिटिव पाए गए लोगों को आइसोलेट करें और इलाज करें।" उन्होंने कहा कि पहले यही रणनीति अपनाई गई थी। अब भी कुछ ऐसा ही करना होगा। अगर हम कंटेनमेंट जोन बनाएंगे तो शहर के दूसरे हिस्से संक्रमण की चपेट में आने से बच जाएंगे। ध्यान रहे कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी स्पष्ट कर चुके हैं कि लॉकडाउन लगाने पर विचार नहीं किया जा रहा है।


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