मर चुका था मरीज... कहते रहे वेंटिलेटर पर है, लखनऊ में 5 मौतों का असल सच क्या है?

लखनऊ लखनऊ के टेंडर पाम अस्पताल में ऑक्सिजन खत्म होने के मामले में लापरवाही सामने आने लगी है। अस्पताल प्रशासन ने बुधवार को एक ही मरीज के मरने का दावा किया था लेकिन बाद में पांच मरीजों की मौत की बात सामने आई। गुरुवार को एक और मरीज के परिजन ने अस्पताल पर लापरवाही और धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन भी किया। पीड़ित परिवार के अनुसार ऑक्सिजन खत्म होने की जानकारी पर अस्पताल की डॉ. अनुभा से वॉट्सऐप पर पूछा था। इस पर उन्होंने मरीज के वेंटिलेटर पर होने की जानकारी दी थी, जबकि उसकी मौत हो चुकी थी। निधि मिश्रा का आरोप है कि अवध विहार निवासी जीजा शंकर गुप्ता को टेंडर पाम अस्पताल में 14 अप्रैल को भर्ती करवाया था। उनका अस्पताल की संचालिका डॉ. अनुभा से परिचय भी था। 28 अप्रैल की रात आठ बजे ऑक्सिजन खत्म होने की जानकारी पर डॉ. अनुभा को वॉट्सऐप करके स्थिति पूछी। इस पर उन्होंने हालत गंभीर होने का दावा करते हुए वेंटिलेटर पर रखने की बात कही। हालांकि अस्पताल पहुंचने पर मौत की जानकारी हुई। निधि का आरोप है कि अस्पताल ने ऑक्सिजन से कोई मौत न होने का दावा किया था, जबकि आठ से ज्यादा मरीजों ने दम तोड़ा है। एक अन्य परिजन का भी सोशल मीडिया पर विडियो वायरल हुआ है, जिसमें ऑक्सिजन सप्लाई रुकने से मौत की बात कही गई है। निधि ने बताया कि अस्पताल के खिलाफ धरने पर बैठीं तो महिला पुलिस कर्मियों ने हटा दिया। हालांकि उन्होंने मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों से शिकायत की है। अस्पताल का दावा: पांच मरे पर ऑक्सिजन बिना नहींटेंडर पाम अस्पताल की डॉ अनुभा से इस संबंध में वाट्सऐप पर संपर्क किया गया। उन्होंने अस्पताल के लेटर पैड पर अस्पताल का पक्ष जारी किया। इसमें उन्होंने कहा कि अस्पताल में कोविड के अतिगंभीर संक्रमितों का इलाज चल रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रबंधन की संपूर्ण कोशिश के बावजूद पांच मरीजों की मौत हो गई। किसी भी कोविड मरीज का निधन ऑक्सिजन के अभाव में नहीं हुआ है।


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