महिला को फटकारते हुए बोला हाई कोर्ट- 'पति सीमा पर तैनात और आप दूसरे आदमी के साथ होटल गईं'
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को एक महिला की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उसके साथ बलात्कार के आरोपी व्यक्ति की जमानत रद्द करने का अनुरोध किया गया था। इसके साथ ही न्यायालय ने कहा कि यह "सहमति से बने संबंध" का मामला प्रतीत होता है जिसमें महिला उस व्यक्ति के साथ होटलों में गई और केंद्रीय सुरक्षा बल में कार्यरत सीमा पर तैनात अपने पति की तरफ से भेजा गया वेतन खर्च किया। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने आरोपी को जमानत देने के राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश में कोई हस्तक्षेप नहीं किया। पीठ ने कहा, ‘‘आप (महिला) अपने बच्चों को घर पर छोड़ कर उसके साथ (आरोपी) होटलों में गयीं। आरोपी के साथ रहने के लिए पास के एक शहर में किराए पर अलग कमरा लिया। इस तरह आप अपने पति का पैसा खर्च कर रही थीं, जो आईटीबीपी कर्मी हैं। सीमा पर तैनात उस बेचारे व्यक्ति को यह भी नहीं पता था कि उनकी पत्नी घर पर क्या कर रही है।” न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि "आरोप पत्र से प्रतीत होता है कि यह सहमति से बने संबंध का मामला था" और इसलिए पीठ दो दिसंबर, 2021 के उच्च न्यायालय के आदेश में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी। महिला की ओर से पेश वकील आदित्य जैन ने कहा कि आरोपी ने पीड़िता को परेशान किया और उसके साथ कई बार बलात्कार किया और पैसे के लिए ब्लैकमेल भी किया। उन्होंने इसे साबित करने के लिए बैंक के कुछ लेनदेन का भी जिक्र किया और कहा कि उच्च न्यायालय ने शिकायतकर्ता की दलीलों पर गौर नहीं किया तथा आरोपी को यह कहते हुए जमानत दे दी कि मामले में आरोप पत्र दायर किया जा चुका है।
from Metro City news in Hindi, Metro City Headlines, मेट्रो सिटी न्यूज https://ift.tt/CRwEJA0
Comments
Post a Comment