धार्मिक कट्टरता बढ़ रही, जनगणना का साल नजदीक आते ही हिंदुओं को बांटने की कोशिश: आरएसएस

अहमदाबाद : (आरएसएस) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि देश में संविधान और धार्मिक स्वतंत्रता की आड़ में धार्मिक कट्टरता और सांप्रदायिक उन्माद के कृत्य फैलाए जा रहे हैं। साथ ही रिपोर्ट में, अपने ‘दुर्भावनापूर्ण’ एजेंडे को आगे बढ़ाने के वास्ते सरकारी तंत्र में प्रवेश करने के लिए एक विशेष समुदाय की ‘योजनाओं’ के खिलाफ भी आगाह किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में विभाजनकारी तत्वों के बढ़ने की चुनौती भी खतरनाक है। इसमें कहा गया कि ‘जैसे-जैसे जनगणना वर्ष नजदीक आ रहा है, इस तरह का प्रचार करके एक समूह को उकसाने के भी मामले आए हैं कि ‘वे हिंदू नहीं हैं।’ आरएसएस ने शुक्रवार से शुरू हुई अहमदाबाद में संघ के शीर्ष निकाय ‘प्रतिनिधि सभा की वार्षिक तीन दिवसीय बैठक में प्रस्तुत रिपोर्ट में कहा है, ‘हिंदू समाज में ही विभिन्न विभाजनकारी प्रवृत्तियों को उभारकर समाज को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है।’ धार्मिक कट्टरता को एक गंभीर चुनौती बताते हुए आरएसएस ने हाल में कर्नाटक में हिजाब विवाद के दौरान और केरल में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं की हत्या का जिक्र किया। रिपोर्ट में कहा गया, ‘देश में बढ़ती धार्मिक कट्टरता के विकराल रूप ने कई जगहों पर फिर सिर उठाया है। केरल, कर्नाटक में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्याएं इस खतरे का एक उदाहरण हैं।’ रिपोर्ट में कहा गया, ‘सांप्रदायिक उन्माद, प्रदर्शन, सामाजिक अनुशासन का उल्लंघन, संविधान और धार्मिक स्वतंत्रता की आड़ में परंपराओं का उल्लंघन, मामूली घटनाओं को भड़काकर हिंसा भड़काना, अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देने जैसे कृत्यों का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है।’ आरएसएस की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘सरकारी तंत्र में प्रवेश करने के लिए एक विशेष समुदाय की विस्तृत योजनाएं प्रतीत होती हैं।’ साथ ही कहा गया,‘दीर्घावधि के लक्ष्य के साथ एक गहरी साजिश’ के रूप में ‘संख्या के बल पर, किसी भी मार्ग को अपनाने की तैयारी की जा रही है।’ आरएसएस ने कहा, ‘समाज की एकता, अखंडता और सद्भाव के सामने इस खतरे को सफलतापूर्वक हराने के लिए संगठित शक्ति, जागृति और सक्रियता के साथ सभी प्रयास वक्त की जरूरत है।’ हिंदुत्व पर, रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि विभिन्न प्रकार के झूठ फैलाकर अनुचित आरोप लगाने की साजिश की जा रही है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की तरफ से शहर के बाहरी इलाके पिराना में बैठक में जारी रिपोर्ट में कहा गया है, ‘देश और विदेश में इन सभी को बौद्धिक आड़ में पेश करने के लिए दुर्भावनापूर्ण एजेंडा काम कर रहा है।’ रिपोर्ट में कहा गया, ‘इस पृष्ठभूमि में राष्ट्रीयता, हिंदुत्व, इसके इतिहास, सामाजिक दर्शन, सांस्कृतिक मूल्यों और परंपरा के बारे में सच्चाई और तथ्यों के आधार पर प्रभावी और मजबूत वैचारिक विमर्श स्थापित करना आवश्यक है।’ आरएसएस ने अपनी रिपोर्ट में हिंदुओं के ‘निरंतर और सुनियोजित’ धर्मांतरण के बारे में भी चिंता जताई। रिपोर्ट में कहा गया, ‘पंजाब, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश समेत देश के विभिन्न हिस्सों में हिंदुओं के सुनियोजित धर्मांतरण के बारे में निरंतर सूचनाएं आई हैं। इस चुनौती का एक लंबा इतिहास है, लेकिन हाल में नए समूहों को परिवर्तित करने के विभिन्न नए तरीके को अपनाया जा रहा है।’ रिपोर्ट में पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा और पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले को रोकने की घटना पर भी चिंता व्यक्त की गई।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/xy8TqXN

Comments

Popular posts from this blog

फडणवीस की पत्नी ने पुकारा तो कंधे पर बैठ गया दुर्लभ 'टाइगर', यूं मिली नई जिंदगी!

चाय की जगह काढ़ा, सोशल डिस्टेंसिंग...UP असेंबली का बदला सा नजारा

वर्ल्ड किडनी डेः किडनी की बीमारी अब युवाओं पर पड़ रही भारी