वक्त के साथ बदल जाते हैं पिता या उम्र के साथ बदलती है हमारी समझ?

जब तुम पिता बनोगे, तब समझोगे...ये बात लगभग सभी लड़कों ने अपने पापा से सुनी होगी। उस समय इस बात की गहराई शायद ही किसी को समझ में आए। जब इसके मायने समझ में आते हैं, कई बार तब तक वक्त बीत चुका होता है। घरों में पिता की छवि ऐसी बनी होती है जो हमेशा सख्त रहते हैं, डांटते रहते हैं, हंसी-मजाक जिन्हें पसंद नहीं। यही वजह है कि जिस तरह नौजवान अपनी मां से दिल की बात कह लेते हैं, वैसी पिता से कहने की हिम्मत नहीं कर पाते। सच तो ये है कि ज्यादातर युवा अपने पिता को गले लाकर अपने प्यार का इजहार भी नहीं कर पाते। लेकिन धीरे-धीरे वक्त के साथ पता लगता है कि पिता होना क्या होता है और तब यही बात याद आती है 'जब तुम पिता बनोगे, तब समझ आएगा।'

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