दिल्ली से बंगाल... अभी झुलसा रही लू कुछ साल बाद उबाल देगी! गर्मी पर यह कैसी भविष्यवाणी
नई दिल्ली: अभी जून नहीं आया है लेकिन ज्यादातर राज्यों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस छू चुका है। गर्मी में इससे कहीं ज्यादा उमस भरे दिन अभी आने बाकी हैं। आंकड़े बताते हैं कि पिछले दशक में लू वाले दिनों की संख्या तेजी से बढ़ी। मौसम वैज्ञानिकों को आशंका है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से यह पैटर्न और बिगड़ सकता है। 1970 के बाद केवल दो साल ऐसे गए हैं जब लू वाले दिनों का आंकड़ा 200 पार चला गया। और ये दोनों घटनाएं पिछले 15 साल में हुईं। 2022 में लू वाले 203 दिन थे। यह आंकड़ा राज्यों में दर्ज हुए औसत लू वाले दिनों का योग है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, 2010 में सबसे ज्यादा 256 ऐसे दिन रहे थे। दशक के हिसाब से देखें तो 2010s में औसत लू वाले दिनों की संख्या 130 तक पहुंच गई। उससे पहले सर्वाधिक लू वाले दिन 1970 के दशक में पड़े थे। 2010s के आंकड़े 1970s से 35% ज्यादा हैं। 2020s के शुरुआती तीन सालों में औसत लू वाले दिनों की संख्या 96 रही है। यह 1970s के बाद तीसरा सबसे ज्यादा गर्म दशक साबित होगा, अभी ऐसी ही आशंका जताई जा रही है।
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