जनरल डिब्बे के गरीब सबसे आगे और पीछे क्यों? ओडिशा ट्रेन हादसे के बाद पूछे जा रहे सवाल
नई दिल्ली: ओडिशा रेल हादसे में 280 से ज्यादा लोगों की मौत से पूरा देश गमगीन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ ही घंटों में घटनास्थल पर पहुंचे और अस्पताल में घायलों से मिले। रेल मंत्री लगातार वहीं कैंप कर रहे हैं। हादसे की शुरुआती जांच में पता चला है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस बाहानगा बाजार स्टेशन से पहले मुख्य मार्ग के बजाय लूप लाइन पर चली गई थी और आगे खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई। कुछ विपक्षी दल समेत बहुत से आम लोग रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर आज 'जनरल कोच' को लेकर बहस छिड़ गई है। ट्विटर पर कुछ महीने पहले का कोरोमंडल एक्सप्रेस का वीडियो शेयर किया जा रहा है, जिसमें जनरल कोच में लोग ठूंसकर लदे दिखते हैं। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि एक यात्री आपातकालीन खिड़की से निकलता दिखाई देता है। कहा जा रहा है कि लोग टॉयलट में भी खड़े होकर सफर करते हैं। कोरोमंडल में यह नजारा आम बात थी। ऐसे में यह सवाल पूछे जाने लगे हैं कि इंजन के ठीक बाद और सबसे पीछे जनरल कंपार्टमेंट क्यों लगाए जाते हैं? इसमें टक्कर के समय 'गरीब जनता' का ऐंगल आगे किया जा रहा है।यह भी सवाल उठा कि एसी कोच हमेशा बीच में क्यों होते हैं? इस तरह के सवालों से लोगों के मन में शंकाएं और जिज्ञासाएं बढ़ गईं। ट्विटर पर राकेश दोहरे जैसे कई लोगों ने लिखना शुरू कर दिया, 'ताकि गरीब मर जाएं और अमीर बच जाएं। टक्कर हमेशा आगे से या फिर पीछे से होती है ना कि बीच से इसलिए ट्रेनों के एसी कोच को बीच में लगाकर अमीरों को सुरक्षित कर लिया जाता है।' बहुत से लोग इस सवाल पर छिड़ी डिबेट में शामिल हो गए। कुछ लोगों ने तर्क भी रखना शुरू कर दिया। गरीब की जान की कोई कीमत नहीं होती है... ऐसी बातें लिखी गईं।
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